PM’s reply to motion of thanks on President’s Address in Lok Sabha

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एनडीए सरकार ने बीते 10 वर्षों में विकास को अपना सबसे बड़ा संकल्प बनाया है। आज हमारे सामने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का संकल्प है। आज हमारे सामने आजादी के इतने सालों के बाद पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए, हर घर जल पहुंचाने का हमारा संकल्प है।

PM's reply to motion of thanks on President's Address in Lok Sabha

कोरोना की कठिन लड़ाई के बावजूद भी एक लाख बीस हजार करोड़ रुपए हमारे पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन के रूप में दिये गए।

आदरणीय सभापति जी,

आदरणीय राष्ट्रपति महोदया ने अपने उद्बोधन में पेपर लीक पर भी चिंता जताई है। मैं भी देश के हर विद्यार्थी को, देश के हर नौजवानों को कहूंगा कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत गंभीर है और युद्धस्तर पर हम अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को कतई छोड़ा नहीं जाएगा। नीट के मामले में पूरे देश में लगातार गिरफ्तारियां की जा रही हैं। केन्द्र सरकार पहले ही एक कड़ा कानून बना चुकी है। परीक्षा कराने वाले पूरे सिस्टम को पुख्ता करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

आदरणीय सभापति जी,

एनडीए सरकार ने बीते 10 वर्षों में विकास को अपना सबसे बड़ा संकल्प बनाया है। आज हमारे सामने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का संकल्प है। आज हमारे सामने आजादी के इतने सालों के बाद पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए, हर घर जल पहुंचाने का हमारा संकल्प है।

आदरणीय सभापति जी,

हर गरीब को आवास देना ये हमारा संकल्प है।

आदरणीय सभापति जी,

भारत की विश्व में जैसे-जैसे ताकत उभर रही है, हमारी सेनाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का हमारा दृढ़ संकल्प है।

आदरणीय सभापति जी,

ये युग हरित युग है। ये युग ग्रीन ऐरा का है और इसलिए दुनिया जो ग्लोबल वार्मिंग से लड़ाई लड़ रही है, उसको एक बहुत बड़ी ताकत देने का काम भारत ने ये बीड़ा उठाया है। हमने रिनिवेबल एनर्जी का भारत पावर हाउस में, उस दिशा में एक के बाद एक कदम उठाए हैं और उसको अचीव करने का हमारा संकल्प है।

आदरणीय सभापति जी,

भविष्‍य ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़ा है, ई-व्हीकल से जुड़ा हुआ है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का हब बनाने के लिए भी हम पूरी तरह संकल्पबद्ध हैं।

आदरणीय सभापति जी,

21वीं सदी आज भारत 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए जिन संकल्पों को लेकर के हम चले हैं, उसमें इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है। हमें आधुनिक इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर बनाना है। हमें विश्व के सारे बेंचमार्क की बराबरी पर जाना है।

आदरणीय सभापति जी,

जितना निवेश भारत में इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के लिए हुआ है, वो इतना पहले कभी नहीं हुआ है और जिसका लाभ आज देशवासी देख रहे हैं। देश में बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बन रहे हैं, उसका अब विस्तार हो, उसको एक नए रंग रूप मिलें, आधुनिक भारत की आवश्यकताओं के अनुसार स्किल डेवलपमेंट हो और उसके आधार पर इंडस्ट्री 4.0 में भी भारत लीडर के रूप में उभरे और हमारे नौजवानों का भविष्य भी सवरें, उस दिशा में हम काम कर रहे हैं।

आदरणीय सभापति जी,

एक स्‍टडी है कि पिछले 18 साल में, ये स्‍टडी बड़ी महत्वपूर्ण है। ये अध्ययन कहता है कि पिछले 18 साल में प्राइवेट सेक्टर में जॉब क्रिएशन में आज सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना है, 18 साल में सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना है।

आदरणीय सभापति जी,

आज भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम पूरी दुनिया में एक उदाहरण बना है। विश्व के लोग मैं जी-20 समूह में जब भी गया, भारत की डिजिटल इंडिया मूवमेंट को लेकर के, डिजिटल पेमेंट को लेकर के विश्व के समृद्ध देशों को भी अचरज होता है और बड़ी जिज्ञासा के साथ हमें सवाल पूछते हैं कि ये भारत की सफलता की बहुत बड़ी कहानी है।

आदरणीय सभापति जी,

जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, स्वाभाविक है प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही हैं और चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। जिन्हें भारत की प्रगति से दिक्कत हैं, जो भारत की प्रगति को चुनौती के रूप में देखते हैं, वो गलत हथकंडे भी अपना रहे हैं। ये ताकतें भारत की डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डायवर्सिटी पर हमला कर रही है और ये चिंता सिर्फ मेरी नहीं है। ये चिंता सिर्फ सरकार की नहीं है, ये चिंता सिर्फ ट्रेजरी बेंच की नहीं है।

आदरणीय सभापति जी,

देश की जनता और माननीय सुप्रीम कोर्ट तक सब कोई इन बातों से चिंतित है। सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है, वो quote मैं आज सदन के सामने रखना चाहता हूं। सुप्रीम कोर्ट का ये quote देश के करोड़ों-करोड़ों लोगों के लिए भी कैसे-कैसे संकट आने की संभावनाएं दिख रही हैं, इसकी तरफ इशारा करता है।

आदरणीय सभापति जी,

सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में बड़ी गंभीरतापूर्वक कहा है और मैं quote पढ़ता हूं- ऐसा लगता इस महान देश की की प्रगति पर, ऐसा लगता है कि इस महान देश की प्रगति पर संदेह प्रकट करने, उसे कम करने और हर संभव मोर्चे पर उसे कमजोर करने का एक ठोस प्रयास किया जा रहा है। ये सुप्रीम कोर्ट की बात पढ़ रहा हूं, सुप्रीम कोर्ट आगे कह रही है- इस तरह के किसी भी प्रयत्न या प्रयास को आरंभ में ही रोक दिया जाना चाहिए। देश की सुप्रीम कोर्ट का ये quote है।

आदरणीय सभापति जी,

सुप्रीम कोर्ट ने जो भावना व्यक्त की है इस पर हम यहां वाले या वहां वाले सदन में है सदन में आए उन्होंने, या सदन के बाहर उन्होंने, सबको गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

आदरणीय सभापति जी,

भारत में भी कुछ लोग हैं, जो ऐसी ताकतों की मदद कर रहे हैं। देशवासियों को ऐसी ताकतों से सतर्क रहने की जरूरत है।

आदरणीय सभापति जी,

2014 में सरकार में आने के बाद देश के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती कांग्रेस के साथ ही कांग्रेस का eco-system भी रहा है। ये eco-system से मिली खाद्य-पानी इसके दम पर ये कांग्रेस की मदद से ये eco-system 70 साल तक फला-फूला है। मैं आज सभापति जी इस eco-system को चेतावनी देता हूं। मैं इस eco-system को चेताना चाहता हूं, ये eco-system की जो हरकतें हैं, जिस तरह eco-system ने ठान लिया है कि देश की विकास यात्रा को रोक देंगे, देश की प्रगति को de-rail कर देंगे। मैं आज eco-system को बता देना चाहता हूं, उस हर साजिश का जवाब अब उसी की भाषा में मिलेगा। ये देश, देश-विरोधी साजिशों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा।

आदरणीय सभापति जी,

ये ऐसा कालखंड है, जब दुनिया भारत की प्रगति को बहुत गंभीरता से ले रही है, हर बारीकी को नोटिस कर रही है।

आदरणीय सभापति जी,

अब चुनाव हो चुके हैं, 140 करोड़ देशवासियों ने 5 साल के लिए अपना निर्णय जनादेश दे दिया है। आवश्यक है कि विकसित भारत के निर्माण के लिए, इस संकल्प को सिद्धि में बदलने के लिए इस सदन के सभी माननीय सदस्यों का योगदान होना चाहिए। मैं उन सबको निमंत्रित करता हूं कि विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करने के लिए आप भी जिम्मेदारी के साथ आगे आइए। देशहित के विषय पर हम साथ चलें, मिलकर के चलें और देशवासियों की आशा-आकांक्षाओं को पूरा करने में हम कोई कमी न रहे दें।

आदरणीय सभापति जी,

पॉजिटिव राजनीति भारत के इस कालखंड में बहुत आवश्यक है। और मैं हमारे साथी पक्षों को भी कहना चाहूंगा, इंडी गठबंधन के पक्ष के लोगों को कहना चाहूंगा कि आप आइए मैदान में good-governance पर स्पर्धा करें। जहां-जहां आपकी सरकारें हैं वो NDA की सरकारों के साथ good-governance पर स्पर्धा करें, delivery पर स्पर्धा करें, लोगों की आकांक्षा पूरी करने में स्पर्धा करें। देश का भला हो जाए, आपका भी भला होगा।

आदरणीय सभापति जी,

आप अच्छे कामों के लिए NDA से स्पर्धा करें, आप reforms के मामलें में हिम्मत करें। जहां-जहां आपकी सरकारें हैं वो reforms में कदम बढ़ाएं और वो विदेशी निवेश को आकर्षित करें। अपने-अपने राज्यों में विदेशी निवेश ज्यादा आए इसके लिए प्रयास करें। उनको ये अवसर है, उनके पास राज्यों में कुछ सरकारें हैं। और इसके लिए वो भाजपा की सरकारों से स्पर्धा करें, NDA की सरकारों से स्पर्धा करें, सकारात्मक स्पर्धा करें। जिन लोगों को जहां सेवा करने का मौका मिला है वहां पर वे रोजगार के लिए स्पर्धा करें। कौन सरकार ज्यादा रोजगार देती है उस स्पर्धा के लिए मैदान में आए, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो।

आदरणीय सभापति जी,

हमारे यहां भी कहा है कि गहना कर्मणोगति:- यानि कर्म की गति गहन है। इसलिए आक्षेप, झूठ, फरेब डिबेट ऐसे जीतने के बजाय कर्म से, कुशलता से, समर्पण भाव से, सेवा भाव से जरा लोगों के दिल जीतने के लिए कोशिश होनी चाहिए।

आदरणीय सभापति जी,

इस समय चर्चा के बीच अभी मुझे एक दुखद खबर भी दी गई है, यूपी के हाथरस में जो भगदड़ हुई, उसमें अनेकों लोगों की दुखद मृत्यु होने की जानकारी आ रही है। जिन लोगों की इस हादसे में जान गई है, मैं उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ उत्तर प्रदेश सरकार के लगातार संपर्क में है। मैं इस सदन के माध्यम से सभी को ये भरोसा देता हूं कि पीड़ितों की हर तरह से मदद की जाएगी।

आदरणीय सभापति जी,

आज एक लंबी चर्चा और आपने देखा है, मैं पहली बार लोकसभा में प्रधानमंत्री के रूप में यहां सेवा के लिए आप लोगों ने अवसर दिया तब भी मुझे ऐसा ही मुकाबला करना पड़ा था। 2019 में भी मुझे ऐसा ही मुकाबला करना पड़ा। मुझे राज्यसभा में भी ऐसा ही मुकाबला करना पड़ा, और इसलिए अब तो ये भी बड़ा मजबूत हो गया है। मेरा हौसला भी मजबूत है, मेरी आवाज भी मजबूत है और मेरे संकल्प भी मजबूत हैं।

आदरणीय सभापति जी,

ये कितनी ही संख्या का दावा क्यों न करते हो, 2014 में जब हम आए राज्यसभा में हमारी ताकत बहुत कम थी और चेयर का भी जरा झुकाव दूसरी तरफ था। लेकिन सीना तानकर के देश की सेवा करने के संकल्प से हम डिगे नहीं। मैं देशवासियों को कहना चाहता हूं आपने जो फैसला सुनाया है, आपने हमें सेवा करने का जो आदेश दिया है, ऐसी किसी रूकावटों से ना मोदी डरने वाला, ना ये सरकार डरने वाली है। जिन संकल्पों को लेकर के हम चले हैं उन संकल्पों को पूरा करके रहेंगे।

आदरणीय सभापति जी,

जो नए सांसद चुनकर आए हैं, उनको मैं विशेष रूप से शुभकामनाएं देता हूं।

आदरणीय सभापति जी,

मैं मानता हूं कि बहुत कुछ सीखेंगे, समझेंगे और देश के इन लोगों के नजरों से गिरते हुए बचने का प्रयास भी करेंगे। इसलिए मैं उनको भी परमात्मा कुछ सद्बुद्धि दे, बालक बुद्धि को भी सद्बुद्धि दे, इस अपेक्षा के साथ आदरणीय राष्ट्रपति श्री महोदया का जो उद्बोधन है, उसके प्रति भी ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं और आपको भी अध्यक्ष जी, आपने मुझे समय दिया, विस्तार से मुझे बात बताने का मौका दिया और किसी का कोलाहल सत्य की आवाज को दबा नहीं सकता है, सत्य ऐसे प्रयासों के बीच दबता नहीं है, और झूठ की कोई जड़े नहीं होती हैं।

आदरणीय सभापति जी,

जिन लोगों को अवसर नहीं दिया, वो उनकी पार्टी की जिम्मेदारी है, वो आगे से अपने सांसदों को ध्यान रखेंगे, ये मैं अपेक्षा करता हूं।

आदरणीय सभापति जी,

मैं इस सदन का भी धन्यवाद करते हुए, मुझे बहुत आनंद आया आज, बहुत आनंद आया। सत्य की ताकत क्या होती है, वो आज मैंने जी करके देखा, सत्य का सामर्थ्य क्या होता है, उसको मैंने आज उसका साक्षात्कार किया है। और इसलिए सभापति जी मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। read more

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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